Tuesday, December 31, 2013

विदा २०१३

सुस्वागतम प्रिय २०१४
सुख स्वास्थ्य समृद्धि से भर दे
सब प्रियजन के घर-बार
मुझे तू ले चल प्रिये के द्वार !

युग परिवर्तन की यह बेला आप सभी मित्रों को सपरिवार मंगलमय हो... !!

Monday, December 30, 2013

हे मेरे

अचीन्हे अतिथि
मेरे जीवन की प्रभाती

वर्षों से प्रतीक्षारत
जिसकी बाट जोहती मैं

मेरे अनुत्तरित प्रश्नों के उत्तर
कहीं तुम ही तो नहीं ..?



(100 वां पोस्ट के साथ नये वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये आप सभी को !)


Sunday, December 22, 2013

आसमान...


तुम्हे देखते रहने की
ख़ुशी और आनंद भी है,
इतनी ऊँचाइयों पर होना
कोई साधारण तो होता नही..

तुम तक पहुँचने का
ना स्वप्न है ना हौसला,
मेरी सामर्थ बहुत छोटी है
और,पंख मेरे छोटे... ... !!

Thursday, December 19, 2013

सब...

अंकुरते, उगते,
सूखते, झडते
दो दिनों का खेल...

फिर भी यह धरती
ये मेरा, ये तेरा 
ढोए चली जाती है
लगातार लगातार

यह घर-गृहस्थी गोरखधंधे
जाने कब से ज्यों के त्यों

नदिया में जल
इधर से उधर
जाने कहाँ से आता है
किधर को निकल जाता है
भविष्य खोजते हम
भूत हुए जाते हैं...!!

Thursday, December 5, 2013

नाप लेना चाहती हैं आसमान

अँकवार लिए
उस पेड़ को
वह लतर

शायद
गुनगुना रही है
कोई प्रणय गीत

नृत्य-मुद्रा में जैसे
उसके पाँव थिरकते
थपथपाते धरती

शाख दर शाख
फैलती चली जाती हैं
उसकी बाहें
नाप लेना चाहती हैं आसमान... !!

Monday, December 2, 2013

काला कुत्ता





किवाड़ बंद
निस्तब्ध गलियारा
स्यामल दूब पर
जलती बुझती
जुगनुओं की पातें
ठंडी गहरी काली रात
भूकती है
तो वह क्या करे
जवाब तो देना ही पड़ता है न...!

Sunday, December 1, 2013

बूंदियों की तरह

तुम आये..?
तुम चले भी गए ...

सूखे पत्तों के ऊपर
अंजुली उड़ेलते हुये
भागे जा रहे ...


तिरते बादलों की
टप्-टप् टप्-टप्
बूंदियों की तरह ... !!