Monday, January 4, 2016
स्पर्श: कवयित्री वसुंधरा पाण्डेय की 8 कवितायेँ
स्पर्श: कवयित्री वसुंधरा पाण्डेय की 8 कवितायेँ: ’ मेरे लिए कविता लिखना सांस लेने जैसा है – मुझमें जीवन ऊर्जा का संचार करती हैं कवितायेँ /और मेरा मानना है कि कविता में प्राण तत्वों की...
Saturday, January 2, 2016
तुम्हारी याद
कोलाव तट की
सोने की रेत बीनती
सपनो के पंख फड़फड़ाती
पहाडी सांझ सी उतर मेरे आँचल में
सितारे टाँकती
.....तुम्हारी याद ..!
सिहरन भरी हवा सी
आकाश के सूनेपन में बजती
अनुभूति की तरह नदी को
छूती सहलाती बहती चली आती...
तुम्हारी याद है कि सखी मेरी .. ...!!
सोने की रेत बीनती
सपनो के पंख फड़फड़ाती
पहाडी सांझ सी उतर मेरे आँचल में
सितारे टाँकती
.....तुम्हारी याद ..!
सिहरन भरी हवा सी
आकाश के सूनेपन में बजती
अनुभूति की तरह नदी को
छूती सहलाती बहती चली आती...
तुम्हारी याद है कि सखी मेरी .. ...!!
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