Sunday, May 1, 2016

प्रेम में

खुद को विसर्जित कर देना
किसी के लिए
किसी को
आसान नही होता
आसान तब होता है प्रेम में
हम जब विसर्जित होते हैं
सौंपते हैं पहाड़ों भरा आकाश
लहलहाते अरण्य वन
कोमल पत्तियों सी
ह्रदय का यह पट
हाँ....सौंपते हैं
अपनी बूँद-बूँद लहू
रातों की नींदें
विसर्जित करते हैं अपने अहम्
क्यूँकी..तब होते हैं हम प्रेम में ..!!