'काश' कि ...
खुब बारिश हो
इतनी कि...
उतर आये
नदी आकाश से
बहा ले जाये
सरहद तेरे मेरे बीच की
शेष रह जाये
खिली-खिली सी सुबह
गुनगुनी दोपहरी
सुरमई शाम
और हमारा प्यार ... !!
खुब बारिश हो
इतनी कि...
उतर आये
नदी आकाश से
बहा ले जाये
सरहद तेरे मेरे बीच की
शेष रह जाये
खिली-खिली सी सुबह
गुनगुनी दोपहरी
सुरमई शाम
और हमारा प्यार ... !!
वाह !
ReplyDeleteऐसा ही कुछ >> http://corakagaz.blogspot.in/2013/07/jhini-si-deewaar.html