न दिल में रखता है
न पलकों पे बिठाता है पर वह शख्स
मुझे बहुत याद आता है
इतनी जकडन
इतना बंधन
अघोरी सा उन्मुक्त स्वछंद स्वभाव उसका
बंधता नहीं
बाँध जाता है
पर वह शख्स
मुझे बहुत याद आता है
मेरी हद..को
अनहद्द...
किये जाती है
अवहेलना उसकी
उसे झेलना
मेरी ताकत
मेरी फितरत
आते जाते
सोते जागते
जब चाहे तब
किसी न किसी रंग में रंग ही जाता है
मनभावन वह शख्स
मुझे बहुत याद आता है
आवरण बनी सब झेला
'अडोल' हूँ आजमा लेना
चाहे जब
ये 'प्रेम' है जोगी
वरना
कौन किसे निभाता है
पर तू
मुझे बहुत याद आता है...!!
न पलकों पे बिठाता है पर वह शख्स
मुझे बहुत याद आता है
इतनी जकडन
इतना बंधन
अघोरी सा उन्मुक्त स्वछंद स्वभाव उसका
बंधता नहीं
बाँध जाता है
पर वह शख्स
मुझे बहुत याद आता है
मेरी हद..को
अनहद्द...
किये जाती है
अवहेलना उसकी
उसे झेलना
मेरी ताकत
मेरी फितरत
आते जाते
सोते जागते
जब चाहे तब
किसी न किसी रंग में रंग ही जाता है
मनभावन वह शख्स
मुझे बहुत याद आता है
आवरण बनी सब झेला
'अडोल' हूँ आजमा लेना
चाहे जब
ये 'प्रेम' है जोगी
वरना
कौन किसे निभाता है
पर तू
मुझे बहुत याद आता है...!!
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