Wednesday, August 14, 2013
तेरा आना
मुखर
कर
जाता
है
मुझे
मेरी
निसंगता
को
धीमे
से
छेड़
जाता
है
सच
कहूँ
एक
पल
को
आते
हो
कई
जन्म की
प्यास
दे
जाते
हो...!
1 comment:
Dr ajay yadav
August 23, 2013 at 6:46 AM
अनन्य प्रेमाभिव्यक्ति |
...
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“जीवन हैं अनमोल रतन !"
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