Friday, August 10, 2012

ये जीना है या जीने का बहाना...

झुकती हुई मेरी पलकें
गिरती सी सांसे
उखड़ते कदम
ये जीना है या जीने का बहाना...

खुबसूरत मंजर
नदियों का अल्हड़पन
सितारों का यौवन
कभी सुनी इनकी कहानी...???

तुम्हारे मेरे बीच
एक अंगारा
हजारो सपने
फिर भी दुरी का एहसास ...


एक दर्पण
सच का पदार्पण
एक आस
नए दिन का इंतज़ार ...

कई बातें
रूठ कर ठुमकना
जिद्द और जिद्द
अंगारों में आंसू ...

पर मैंने भी
जिद्द ठानी है
आज दिल को नहीं समझाउंगी
उसको थिरकने की तमन्ना है
क्यूँकर उसकी डोर खीचुंगी ??


ये नदी का बहना बेबाक
शबनम की बूंदों का सा एहसास
बादलों से आलिंगन की ख्वाइश
चलो यही सही , शरारत का सा माहौल ...


बस मैंने भी छोड़ दिया सब अंकुश
और चल दी आकाश से मिलने
बस आज यही जिद्द है
उन्मुक्त,बेबाक,ठुमकने की तैयारी ...!!

Thursday, August 2, 2012

हर उम्र का एक अलग आसमां है

 वक़्त
अपनी हथेली में
कई तजुर्बे लेकर आता है...
आपको उनसे
जिंदगी की
तस्वीर बनानी होती है......
कुछ तस्वीरे
मुकम्मल बनती है ....
कुछ अधूरी...............
कुछ अधूरी तस्वीरे
खूबसूरत अहसास बनकर
ताउम्र जिंदा रहती है...
कुछ मुकम्मल होकर भी अधूरी....
जिंदगी कभी फ्रीज नहीं होती....
हर रिश्ते का एक दायरा है.....
हर दायरे की एक उम्र ....
जिसे घटना बढ़ाना वक़्त के हाथ में है.
१५ की उम्र में जो आप होते है
....२५ में नहीं होते ........
३५ में कुछ और  हो जाते है....
हर उम्र का एक अलग आसमां है
हर ऊम्र का अपना सच होता है पर,
पर ...प्यार की अनुभूति
सबसे अलग विश्व रचती है... ... ... !!