Sunday, June 9, 2013

पिया सांवरे

जी करता है
तितली सी...
करील-करील उडती
आ जाउं तेरे पास

कण-कण भर लूँ..
तन -मन भर लूँ
सांसो में भर लूँ

पिया सांवरे
तेरे उड़ते पराग.. ..!!

6 comments:

  1. आपकी यह रचना कल मंगलवार (11-06-2013) को ब्लॉग प्रसारण पर लिंक की गई है कृपया पधारें.

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  2. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति,सादर आभार।

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  3. सुन्दर .. भावमय प्रस्तुति .. प्रेम का गहरा एहसास लिए ...

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  4. पि‍या सांवरे....वाह

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  5. बहुत सुन्दर प्रस्तुति वसुन्धरा जी...

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  6. सुंदर प्रस्तुति

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