Thursday, August 2, 2012

हर उम्र का एक अलग आसमां है

 वक़्त
अपनी हथेली में
कई तजुर्बे लेकर आता है...
आपको उनसे
जिंदगी की
तस्वीर बनानी होती है......
कुछ तस्वीरे
मुकम्मल बनती है ....
कुछ अधूरी...............
कुछ अधूरी तस्वीरे
खूबसूरत अहसास बनकर
ताउम्र जिंदा रहती है...
कुछ मुकम्मल होकर भी अधूरी....
जिंदगी कभी फ्रीज नहीं होती....
हर रिश्ते का एक दायरा है.....
हर दायरे की एक उम्र ....
जिसे घटना बढ़ाना वक़्त के हाथ में है.
१५ की उम्र में जो आप होते है
....२५ में नहीं होते ........
३५ में कुछ और  हो जाते है....
हर उम्र का एक अलग आसमां है
हर ऊम्र का अपना सच होता है पर,
पर ...प्यार की अनुभूति
सबसे अलग विश्व रचती है... ... ... !! 

7 comments:

  1. सच्ची और सुन्दर बात...............

    प्यारी रचना...
    अनु

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  2. बहुत ही लाजवाब ... जैसे सच को शब्दों में उतार दिया ... गहरा एहसास लिए ... हर उम्र का अपना आकाश होता है ... और प्रेम की अनुभूति की अलग दुनिया ...

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  3. love the last line...Beautiful..

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