Thursday, October 17, 2013
ना रात ,ना दिन
ना उजाला ना अँधेरा ...
दोनों का ये संधिकाल ,जैसे
अतल से कुछ उभरता है
दिखता है..
ढँक जाता है
जैसे दो युग
आपस में मिल
विलीन हो रहे हों... !!
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