Monday, May 13, 2013

इस चाँद का क्या करूं..

दिल के पराग पर
जलप्रपात से
गिरते हैं उसके अक्स

कैसा मुहफट ...!!

“क्या हुआ...?
प्यार हो गया..?
गलती हो गई...?
कुछ बुरा हुआ क्या...?”

इस चाँद का क्या करूं.. ..!

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